गोबर के गणेश जी बिठाने पर, मां लक्ष्मी की होगी कृपा, और कई क्षेत्रों में होंगे लाभ जानिए कैसे...

एसपीटी न्यूज नर्मदापुरम, (संतराम निसरेले)
वैसे तो भगवान गणेश के बारे में जितना बताएं उतना कम है उनकी गुणगान सर्वव्यापी हैं फिर भी ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। हर शुभ कार्य के लिए सर्वप्रथम पूजे जाने वाले है और हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें आदिपूज्य भी कहते है।
हमारा सभी भक्तों से निवेदन है कि इस बार करें गोबर के गणपति की स्थापना,
घर में सदैव रहेगा मां लक्ष्मी का वास, गोबर से बने गणेश भगवान इको फ्रेंडली है, जिससे प्रदूषण नहीं फैलता है । मिट्टी में तत्काल मिल जाने से खाद का भी काम करता है।
हिंदू रीति-रिवाज में देशी गाय के गोबर की पूजा होती है इसका महत्व उस समय और बढ़ जाता है, जब भगवान गणेश की मूर्ति इसी से बनाई जाती है।
*गणेश महोत्सव* की तैयारियां जोरों पर
इस बार हर कोई चाहता है कि उनके घर *इको-फेंडली गणपति* विराजमान हो। जिससे गणपति का आर्शीवाद तो मिले ही इसके साथ ही *पर्यावरण पर भी बुरा असर* ना पड़े। ऐसे में *मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम* ग्राम *पर्रादेह* में कामधेनु गौशाला एवं जैविक कृषि फार्म मे *देशी गिर गाय* के गोबर से भगवान गणेश की मूर्तियां बन रही हैं। जो पूरी तरह से *इको फ्रेंडली गणेश जी* की मूर्ति है। इस बारे में गौ शाला संचालक का कहना है कि एक मूर्ति बनाने में 2 दिन का समय लगता है और इनका मूल्य भी कम है ।
*आपको बता दे,* गोबर से बनी मूर्ति पूरी तरह से *इको फ्रेंडली प्राकृतिक है इससे जल एवं मृदा प्रदूषण नही फैलता* ।
अधिक जानकारी हेतु मनीष सोनी से संपर्क करें 9399913551