सूखते कंठ की आवाज कौन सुनेगा ??

एसपीटी न्यूज़ मुलताई से जिला ब्यूरो चीफ अयूब खान की रिपोर्ट
जिला बैतूल की मुलताई तहसील से मात्र 6 किलोमीटर दूर *ग्राम* *गोपाल* *talai* आगामी समय पानी की किल्लत से इस ग्राम के लोगों को *भीषण* *त्रासदी* का सामना करने को मिल सकता है! ग्रामीणों से बातचीत के दौरान मुझे बताया गया कि विगत दो-तीन माह से इस गांव की पेयजल समस्या बहुत गड़बड़ा गई है !ग्रामीणों ने बताया घर के सदस्य अपने दैनिक महत्वपूर्ण हर कार्य को छोड़कर सबसे पहले महिलाएं ,बच्चे विगत 2 माह से 3/4 किलोमीटर दूर जाकर पानी व्यवस्था कर रहे हैं! तब ही उनके घर /मवेशियों का गुजारा बड़ी कठिनाई के साथ करना पड़ रहा है! अभी तो गर्मी की शुरुआत हुई है और यह समस्या और भी गंभीर रूप लेती जा रही है! PHE विभाग द्वारा अभी हाल ही में ग्राम के समीप बस्ती में बोरवेल किया गया, लेकिन वह *सक्सेस* नहीं माना जा रहा है! ग्रामीणों ने बताया की *विकास* *यात्रा* मैं अधिकारी वर्ग , ग्राम में पहुंचे थे! उन्होंने आश्वासन दिया है, कि, गांव के पास ही से 7 किलोमीटर पर, एक *शेरगढ़* *ग्राम* है वहां से पेयजल की व्यवस्था की जाएगी! यह व्यवस्था कब तक होगी? यह बताया नहीं गया है! ग्रामीणों ने बड़ी दुखी मन से बताया की पानी की जरूरत तो अभी है ! ना जाने यह *आश्वासन* जमीनी स्तर पर कब फलीभूत होता है! ऐसा लगता है कि ग्रामीणों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाएगा, ऐसी आशंका है ! चिंता की रेखाएं उनके चेहरे से साफ झलकती है! इस समस्या पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है ताकि सूखे कंठ को पानी के लिए तरसना न पड़े! प्रधानमंत्री जी के *विजन*(जल जीवन मिशन) की *कामयाबी* ,( सूखे कंटो )को पानी उपलब्ध कराने पर टिकी हुई है! मुलताई से
वैसे तो गांव गांव शहर शहर विकास यात्रा का ढोल पीटा जा रहा है लेकिन इस विकास यात्रा से क्या लोगों की समस्याओं का निजात मिलेगा यह वोट बैंक की यात्रा है चौक चौराहों पर तो यह चर्चा है कि यह विकास यात्रा नहीं वोट बैंक की यात्रा है